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नागपुर में कॉकरेल मार्केट में लौटी तेजी, फार्मर्स को मिला मुनाफे का सुनहरा मौका:बिचौली से जुड़ा विवाद बना चर्चा का विषय


नागपुर: 
बीते 4-5 महीनों के लंबे इंतज़ार के बाद आखिरकार नागपुर के कॉकरेल मार्केट में फिर से तेजी लौट आई है। जनवरी से मुर्गों की कीमतें 70 रुपये प्रति किलो तक गिर चुकी थीं, वहीं अब बीते 5 दिनों में इसमें 40 रुपये से अधिक का इज़ाफा देखा गया है। बाजार में मुर्गों की मांग तेज़ हो गई है और आपूर्ति की कमी के चलते पोल्ट्री फार्मर्स के पास मोल-भाव का अच्छा अवसर है।आज नागपुर के आसपास के इलाके में कॉकरेल का भाव १५५ से १६० रूपये प्रति किलो चल रहा है
   
फिलहाल बाजार में मुर्गों की मांग इस कदर बढ़ चुकी है कि व्यापारी स्वयं फार्मर्स और डीलरों को फोन कर माल खरीदने के लिए संपर्क कर रहे हैं। इस माहौल में फार्मर्स को जल्दबाज़ी में निर्णय लेने से बचते हुए सोच-समझकर उचित रेट पर सौदे करने की सलाह दी जा रही है। हालांकि यह ध्यान रखना भी ज़रूरी है कि तेजी कब मंदी में बदल जाए, इसका अंदाज़ा लगाना मुश्किल होता है।
व्हाट्सएप ग्रुप पर मीडिएटर और फार्मर के बीच विवाद
इस तेजी के दौर में एक विवाद ने भी बाजार का माहौल गर्मा दिया। तीन दिन पहले एक मीडिएटर (बिचौली) और एक फार्मर के बीच कॉकरेल खरीद को लेकर डील न बनने पर व्हाट्सएप ग्रुप में विवाद हो गया। मीडिएटर ने गुस्से में आकर फार्मर की ३/४ व्हाट्सएप ग्रूप में सार्वजनिक बेइज्जती कर दी। उसने फार्मर का नाम, नंबर, लोकेशन और माल का वीडियो डालकर उसे ग्रुप में डिफॉल्टर घोषित कर दिया।

हालांकि, भारत में केवल न्यायालय को यह अधिकार है कि वह किसी को दोषी या डिफॉल्टर घोषित करे। संबंधित फार्मर का कहना है कि उसने पिछले 11 सालों में कभी किसी का नुकसान नहीं किया, न ही किसी का पैसा डुबाया है। मीडिएटर के इस रवैए से फार्मर समुदाय में काफी नाराजगी है।

           फॉर्मर ने दी स्थिति की सफाई
फार्मर का कहना है कि सौदा 130 रुपये किलो पर तय हुआ था, लेकिन बाद में मीडिएटर ने पैसे कम करने की बात कही। फार्मर ने एडवांस के तौर पर 5000 रुपये मांगे थे, लेकिन मीडिएटर ने केवल 1000 रुपये भेजे, जिसे फार्मर ने सौदे के लिए अपर्याप्त मानते हुए पैसे वापस कर दिए और अपना माल अगले दिन बेहतर रेट पर बेच दिया।
इस घटना ने फार्मर भाइयों में आंतरिक गुस्सा पैदा कर दिया है। फार्मर्स की एक बैठक भी हुई जिसमें यह निर्णय लिया गया कि भविष्य में ऐसे मीडिएटर को कोई माल न बेचा जाए। हालांकि फार्मर के शांत स्वभाव के चलते यह मामला अधिक नहीं बढ़ा।
डायरेक्ट ट्रेडिंग की ओर बढ़ते कदम
इस घटना के बाद फार्मर और कुछ भरोसेमंद ट्रेडर्स ने मिलकर नए ग्रुप बनाए हैं, जिनमें बिचौलियों को बाहर रखते हुए डायरेक्ट डीलिंग की योजना बनाई जा रही है। ट्रेडर्स का भी कहना है कि कुछ मीडिएटरों की वजह से अच्छे ट्रेडर्स की छवि खराब हो रही है।पिछले कई सालोसे नागपुर में ६/७ बिचौली आये और धीरे धीरे करके चले गये।ऐसे में फार्मर्स से सीधे संपर्क कर व्यापार करने में न केवल रुपये की बचत होगी बल्कि विश्वास का रिश्ता भी बना रहेगा।
        बाजार में कॉम्पिटिशन का असर
नागपुर में ट्रेडर्स और फार्मर्स के संबंध अब भी देश के अन्य शहरों की तुलना में बेहतर हैं, लेकिन बीते 2 सालों से ट्रेडर्स में आपसी प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। सभी सस्ते में खरीद और सस्ते में बेचकर मार्केट में नाम बनाना चाहते हैं। अपनी-अपनी लॉबी बनाकर मार्केट में पकड़ मजबूत करने की होड़ मची है।

कोविड के बाद पहली बार इतनी हलचल
कोविड के बाद यह पहली बार है जब कॉकरेल मार्केट में इतने उतार-चढ़ाव देखे जा रहे हैं। बीते आठ महीने से ब्रॉयलर बाजार में गिरावट थी, लेकिन बर्ड फ्लू के बाद बाजार ने रफ्तार पकड़ी है। अब देखना ये होगा कि ये तेजी कितने दिन बरकरार रहती है।
नागपुर का कॉकरेल बाजार फिलहाल फिर से रफ्तार पकड़ चुका है, जिससे पोल्ट्री फार्मर्स को राहत मिली है। लेकिन मीडिएटर के साथ हुए विवाद ने यह भी दिखा दिया कि पारदर्शिता,आपसी सम्मान और संयमित व्यवहार इस कारोबार में कितने जरूरी हैं। इस घटनाक्रम के बाद बाजार में नई डीलिंग प्रणाली की शुरुआत हो सकती है, जिसमें फार्मर्स और ट्रेडर्स एक नए भरोसे के साथ काम करें। 
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