रिपोर्ट: ललित लांजेवार
पुणे : महाराष्ट्र में पिछले दो दिनों से बारिश ने जबरदस्त कहर बरपाया है। खासकर पुणे, कोल्हापुर, मुंबई, ठाणे और रायगढ़ जैसे जिलों में सोमवार (26 मई) को मूसलधार बारिश ने हालात बिगाड़ दिए। सबसे ज्यादा असर पुणे जिले में देखने को मिला, जहां दौंड, इंदापुर और बारामती समेत कई इलाकों में तेज़ बारिश और आंधी-तूफान का सामना करना पड़ा।
दौंड तालुका के हातवळण गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां शुभम गोगावले नामक युवक का पोल्ट्री फार्म है, जिसका शेड तेज़ हवाओं और बारिश के कारण अचानक गिर गया। इस हादसे में करीब 18 हजार मुर्गियों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि शुभम ने यह फार्म सिर्फ एक साल पहले ही कर्ज़ लेकर शुरू किया था।
फार्म में कुल 22 से 23 हजार मुर्गियाँ थीं। लेकिन सोमवार की तूफानी बारिश और आंधी के चलते शेड ढह गया और करीब 18 हजार मुर्गियाँ मलबे में दबकर मर गईं। अब तक करीब 9 से 10 हजार मृत मुर्गियाँ बाहर निकाली जा चुकी हैं, और बची हुई मुर्गियों को निकालने का काम अभी भी जारी है।
इस हादसे से शुभम गोगावले को लगभग 80 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। एक साल पहले लिया गया कर्ज़, नई शुरुआत और अब ऐसा बड़ा नुकसान – इस त्रासदी से शुभम सदमे में हैं। उन्होंने सरकार से आर्थिक मदद की मांग की है ताकि उनका व्यवसाय फिर से पटरी पर आ सके।
बारिश का आंकड़ा भी कम चौंकाने वाला नहीं है :
दौंड : 117 मिमी
बारामती : 104.75 मिमी
इंदापुर : 63.25 मिमी
बारामती में 25 घरों को आंशिक नुकसान हुआ है, जबकि मुंबई में भी कई जगहों पर पेड़ गिरने और मकानों को नुकसान पहुंचने की खबर है। माहीम और कुलाबा जैसे क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बन गई है, जिससे आम नागरिकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
तूफानी बारिश ने जहां एक तरफ पुणे समेत महाराष्ट्र के कई इलाकों में तबाही मचाई, वहीं हातवळण गांव की यह घटना दर्शाती है कि प्राकृतिक आपदाओं का सबसे बड़ा असर छोटे उद्यमियों और किसानों पर होता है। अब देखना यह है कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।
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