Broiler chickens में Immunosuppression (इम्युनोसप्रेशन) का मतलब है उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता (immune system) का कमज़ोर हो जाना या ठीक से काम न कर पाना। जब ब्रायलर मुर्गियों का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, तो वे बीमारियों से लड़ने में सक्षम नहीं होतीं और बहुत आसानी से बीमार पड़ जाती हैं।
Immunosuppression (इम्युनोसप्रेशन) क्या है?
यह कोई बीमारी नहीं है, बल्कि एक ऐसी स्थिति है जिसमें मुर्गी का शरीर pathogens (जैसे वायरस, बैक्टीरिया, फंगस) से लड़ने की अपनी प्राकृतिक क्षमता खो देता है। इसके कारण मुर्गियों में कई तरह की समस्याएं आती हैं:* खराब प्रदर्शन (Poor performance): वजन कम बढ़ना (low body-weight gain), Feed Conversion Ratio (FCR) का खराब होना (यानी, कम दाना खाकर वजन बढ़ाना मुश्किल हो जाता है)।
* टीके का असर न होना (Poor vaccine response): टीकाकरण (vaccination) के बावजूद मुर्गियां बीमारियों से सुरक्षित नहीं रह पातीं।
* बार-बार बीमार पड़ना (Increased susceptibility to diseases): उन्हें अक्सर बैक्टीरियल या वायरल इन्फेक्शन हो जाते हैं, जो आमतौर पर स्वस्थ मुर्गियों को प्रभावित नहीं करते।
* मृत्यु दर में वृद्धि (Increased mortality): बीमार होने से मुर्गियों की मृत्यु दर बढ़ जाती है।
* अंगों का प्रभावित होना (Atrophy of lymphoid organs): प्रतिरक्षा प्रणाली से जुड़े अंग, जैसे कि Bursa of Fabricius (बर्सा ऑफ फैब्रिसियस) और Thymus (थाइमस), छोटे हो जाते हैं या ठीक से काम नहीं कर पाते।
Infectious Bursal Disease (IBD) / Gumboro Disease: यह वायरस सीधे प्रतिरक्षा प्रणाली के अंगों, खासकर Bursa of Fabricius, को नुकसान पहुंचाता है।
* Chicken Infectious Anemia Virus (CIAV): यह भी इम्यून सिस्टम को कमजोर करता है।
* Marek's Disease (MD): यह एक हर्पीसवायरस है जो लिम्फॉयड अंगों को प्रभावित करता है।
* कुछ अन्य वायरस: जैसे Avian Leukosis Virus (ALV), Infectious Bronchitis Virus (IBV), Reovirus भी इम्यूनोसप्रेशन का कारण बन सकते हैं।
* पर्यावरणीय तनाव और खराब प्रबंधन (Environmental Stressors and Poor Management):
* भीड़भाड़ (Overstocking): एक ही जगह पर बहुत सारी मुर्गियां रखने से तनाव बढ़ता है।
* खराब हवादार जगह (Poor ventilation): अमोनिया गैस और धूल का जमा होना इम्यून सिस्टम को कमजोर करता है।
* गीला बिछावन (Wet litter): बीमारियों को पनपने का मौका देता है।
* पानी और दाने की कमी (Inadequate water/feed supply): पोषक तत्वों की कमी से इम्यून सिस्टम प्रभावित होता है।
* तापमान का उतार-चढ़ाव (Temperature stress): बहुत ज़्यादा गर्मी या ठंड भी मुर्गियों को तनाव में डालती है।
खराब पोषण (Poor nutrition): विटामिन, खनिज और प्रोटीन की कमी से इम्यून सिस्टम कमजोर होता है।
* अत्यधिक टीकाकरण (Overkill vaccinations): अनावश्यक या गलत टीकाकरण भी तनाव पैदा कर सकता है।
* स्वच्छ वातावरण (Clean Environment): मुर्गियों के शेड को साफ-सुथरा रखना और उचित वेंटिलेशन सुनिश्चित करना।
* संतुलित आहार (Balanced Nutrition): मुर्गियों को पर्याप्त और पौष्टिक दाना देना, जिसमें सभी आवश्यक विटामिन और खनिज हों।
* टीकाकरण कार्यक्रम (Vaccination Program): बीमारियों के लिए उचित और प्रभावी टीकाकरण कार्यक्रम का पालन करना, खासकर IBD और Marek's disease के खिलाफ।
* तनाव कम करना (Stress Reduction): भीड़भाड़ से बचना, पर्याप्त पानी और दाने की व्यवस्था करना, तापमान को नियंत्रित रखना।
* मायकोटॉक्सिन नियंत्रण (Mycotoxin Control): दाने की गुणवत्ता पर ध्यान देना और मायको टॉक्सिन बाइंडर का उपयोग करना।
संक्षेप में, बॉयलर मुर्गियों में इम्यूनोसप्रेशन एक गंभीर समस्या है जो उनके स्वास्थ्य और उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। इसे रोकने के लिए अच्छी प्रबंधन प्रथाएं, उचित पोषण और प्रभावी टीकाकरण कार्यक्रम का पालन करना आवश्यक है।
* टीके का असर न होना (Poor vaccine response): टीकाकरण (vaccination) के बावजूद मुर्गियां बीमारियों से सुरक्षित नहीं रह पातीं।
* बार-बार बीमार पड़ना (Increased susceptibility to diseases): उन्हें अक्सर बैक्टीरियल या वायरल इन्फेक्शन हो जाते हैं, जो आमतौर पर स्वस्थ मुर्गियों को प्रभावित नहीं करते।
* मृत्यु दर में वृद्धि (Increased mortality): बीमार होने से मुर्गियों की मृत्यु दर बढ़ जाती है।
* अंगों का प्रभावित होना (Atrophy of lymphoid organs): प्रतिरक्षा प्रणाली से जुड़े अंग, जैसे कि Bursa of Fabricius (बर्सा ऑफ फैब्रिसियस) और Thymus (थाइमस), छोटे हो जाते हैं या ठीक से काम नहीं कर पाते।
बॉयलर मुर्गियों में Immunosuppression (इम्युनोसप्रेशन) के मुख्य कारण (Causes of Immunosuppression in Broilers)
* संक्रामक बीमारियां (Infectious Agents):Infectious Bursal Disease (IBD) / Gumboro Disease: यह वायरस सीधे प्रतिरक्षा प्रणाली के अंगों, खासकर Bursa of Fabricius, को नुकसान पहुंचाता है।
* Chicken Infectious Anemia Virus (CIAV): यह भी इम्यून सिस्टम को कमजोर करता है।
* Marek's Disease (MD): यह एक हर्पीसवायरस है जो लिम्फॉयड अंगों को प्रभावित करता है।
* कुछ अन्य वायरस: जैसे Avian Leukosis Virus (ALV), Infectious Bronchitis Virus (IBV), Reovirus भी इम्यूनोसप्रेशन का कारण बन सकते हैं।
मायकोटॉक्सिन्स (Mycotoxins):
यह फंगस द्वारा उत्पादित जहरीले पदार्थ होते हैं जो दूषित दाने (feed) में पाए जाते हैं। ये मुर्गियों के इम्यून सिस्टम को सीधे तौर पर नुकसान पहुंचाते हैं। Aflatoxins (एफ्लाटॉक्सिन) उनमें से एक प्रमुख मायकोटॉक्सिन है।* पर्यावरणीय तनाव और खराब प्रबंधन (Environmental Stressors and Poor Management):
* भीड़भाड़ (Overstocking): एक ही जगह पर बहुत सारी मुर्गियां रखने से तनाव बढ़ता है।
* खराब हवादार जगह (Poor ventilation): अमोनिया गैस और धूल का जमा होना इम्यून सिस्टम को कमजोर करता है।
* गीला बिछावन (Wet litter): बीमारियों को पनपने का मौका देता है।
* पानी और दाने की कमी (Inadequate water/feed supply): पोषक तत्वों की कमी से इम्यून सिस्टम प्रभावित होता है।
* तापमान का उतार-चढ़ाव (Temperature stress): बहुत ज़्यादा गर्मी या ठंड भी मुर्गियों को तनाव में डालती है।
खराब पोषण (Poor nutrition): विटामिन, खनिज और प्रोटीन की कमी से इम्यून सिस्टम कमजोर होता है।
* अत्यधिक टीकाकरण (Overkill vaccinations): अनावश्यक या गलत टीकाकरण भी तनाव पैदा कर सकता है।
बचाव और प्रबंधन (Prevention and Management):
* उचित बायोसिक्योरिटी (Proper Biosecurity): बीमारी फैलाने वाले कीटाणुओं को फार्म में घुसने से रोकना।* स्वच्छ वातावरण (Clean Environment): मुर्गियों के शेड को साफ-सुथरा रखना और उचित वेंटिलेशन सुनिश्चित करना।
* संतुलित आहार (Balanced Nutrition): मुर्गियों को पर्याप्त और पौष्टिक दाना देना, जिसमें सभी आवश्यक विटामिन और खनिज हों।
* टीकाकरण कार्यक्रम (Vaccination Program): बीमारियों के लिए उचित और प्रभावी टीकाकरण कार्यक्रम का पालन करना, खासकर IBD और Marek's disease के खिलाफ।
* तनाव कम करना (Stress Reduction): भीड़भाड़ से बचना, पर्याप्त पानी और दाने की व्यवस्था करना, तापमान को नियंत्रित रखना।
* मायकोटॉक्सिन नियंत्रण (Mycotoxin Control): दाने की गुणवत्ता पर ध्यान देना और मायको टॉक्सिन बाइंडर का उपयोग करना।
संक्षेप में, बॉयलर मुर्गियों में इम्यूनोसप्रेशन एक गंभीर समस्या है जो उनके स्वास्थ्य और उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। इसे रोकने के लिए अच्छी प्रबंधन प्रथाएं, उचित पोषण और प्रभावी टीकाकरण कार्यक्रम का पालन करना आवश्यक है।
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