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देश मे बढ रहे पोल्ट्री फीड के दामू पर काबू पाने के लिए ऑल इंडिया पोल्ट्री ब्रिडर असोसिएशन ने सरकार दाम पर काबू पाने के लिए विदेशोसे सोया DOC इम्पोर्ट करने की परमिशन मांगी थी.बीते ४ महिनोसे सोया DOC के दाम भारत मे आसमान छू रहे थे.ईसी के वजह से पोल्ट्रीफीड दिनो दिन मेहंगा हो रहा था. विदेशोसे सोया DOC परमिशन मे 15 लाख टन सोयामिल भारत आने वाला था, जो पोल्ट्री फीड बनाने के लिए काम आने वाला था. इस विनंती को सरकारने हा मे बदलते हुए परमिशन दे दी है. इसको अधिकारक स्तर पर सरकार के तरफ से मंजुरी दे दि है, भारत के पर्यावरण विभाग कि मंजुरी भी मिल चुकी है. तुरंत ही इस पर हस्ताक्षर करके 15 दिनो मे कोई भी पोल्ट्री फार्मर, व पोल्ट्री फीड कंपनी विदेश से सोयाबीन DOC खरीद सकते है. चाप्टर २३ के अंतर्गत मजुरी प्राप्त हो गई है .जिसे लाने के लिए १६.५ प्रतिशत कि टॅक्स ड्युटी लगाणे कि बात सामने आई है. बाहेर से सोया DOC इम्पोर्ट होणे के बाद भारत के सोयाबीन और सोया DOC के दाम नीचे घसरनेकी संभावना है.
👆सोयामिल इम्पोर्ट को मिली मंजुरी व्हिडीओ देखे 👆
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historic decision of allowing GM Soya Meal Import, for the first time in the favour of Livestock Farmers.it will be imported under Chapter 23 of the customs rule.Under HSN code 234020/30
Duty will be accordingly put.
1. Seiler has to declare the “Soyameal consignment is for Animal Feed purpose and not for food”
2. Importing CHA has to take the declaration from Importer that “The use of
the Consignment is for Animal feed use and not for human Food”.
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