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नागपुर में गावरान चूजों के नाम पर बड़ी धोखाधड़ी

नागपुर:
नागपुर जिले के एक पोल्ट्री फार्मर के साथ गावरान चूजों के नाम पर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। फार्मर ने बताया कि उसने एक हैचरी मालिक को 1300 गावरान चूजों का ऑर्डर दिया था, लेकिन उसे केवल 800 चूजे ही डिलीवर किए गए।

हैचरी संचालक ने इन चूजों को "ओरिजिनल गावरान" बताकर ₹60 प्रति चूजे की दर से बेचा। किंतु हकीकत में यह चूजे केवल 10 से 15 ग्राम वजन के निकले। फार्मर का आरोप है कि इतनी ऊँची कीमत चुकाने के बावजूद चूजों की क्वालिटी बेहद खराब थी और हैचरी में बायोसिक्युरिटी की भारी कमी पाई गई।

फार्मर बीते कई सालों से पोल्ट्री फार्मिंग के धंधे में जुड़ा हुआ है। ब्रूडिंग से लेकर मेडिसिन शेड्यूल तक सही होने के बावजूद चूजों की मोर्टालिटी नहीं रुक पा रही थी।फार्मर ने बताया कि प्रतिदिन 35 से 40 चूजों की मृत्यु हो रही थी, जिससे उसे भारी आर्थिक नुकसान हुआ। शिकायत करने के बावजूद हैचरी मालिक ने किसी भी तरह का नुकसान भरपाई देने से इनकार कर दिया।

सूत्रों के अनुसार, यह चूजे वर्धा जिले के कारंजा घाडगे स्थित हैचरी से मंगवाए गए थे। जीसके मलिक अजय वर्मा है| बताया जाता है कि इस हैचरी ने करीब ढाई साल पहले अपना कारोबार शुरू किया था। फार्मर ने यूट्यूब पर प्रचार सामग्री देखकर इन चूजों का ऑर्डर दिया था, लेकिन सप्लाई किए गए चूजे अपेक्षित गावरान नस्ल के न होकर कम वजन और कमजोर निकले।

नागपुर बाजार में अब तक की सबसे ऊँची कीमत पर यह चूजे बेचकर हैचरी मालिक ने फार्मर को भारी नुकसान पहुँचाया है।

नागपुर और नागपुर के आजू-बाजू में ऐसे बहुत से फार्म है जहां पर इस तरह की चूजों की सप्लाई होती है । वहां पर बायो सिक्योरिटी का बहुत अभाव देखने के लिए मिलता है।और हर बार कोई ना कोई फार्मर को फसाया जाता है। इस धोखाधड़ी से बचने के लिए अपने आसपास के अच्छे मुर्गी कारोबारी से संपर्क करें।



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