भारत के पोल्ट्री पशुचिकित्सक पेशेवरों के प्रमुख नेटवर्क व्हेट्स इन पोल्ट्री (VIP) ने 7 मई 2025 को चंडीगढ़ स्थित हयात रीजेंसी में "द पोल्ट्री समिट : इनोवेट, इंटिग्रेट एंड थ्राइव" थीम पर आधारित दूसरी राष्ट्रीय संगोष्ठी का सफल आयोजन किया। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में देश-विदेश से पशुचिकित्सक, पोल्ट्री व्यवसायी, किसान, पोल्ट्री नेता, शोधकर्ता, नीति निर्माता, मीडिया, संगठन, सरकारी अधिकारी, मंत्री और शैक्षणिक संस्थानों समेत 580 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस आयोजन का उद्देश्य ज्ञान-साझाकरण, सहयोग और दूरदर्शी संवाद के माध्यम से क्षेत्र का परिवर्तनकारी विकास करना था।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्य अतिथि के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। वहीं विशिष्ट अतिथियों में हरियाणा सरकार के मंत्री महिपाल ढांडा, पशुपालन और डेयरी विभाग (DAHD) की सचिव श्रीमती अलका उपाध्याय, गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक बलराम सिंह यादव प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
गडकरी ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की आय बढ़ाने और कुक्कुटपालन उद्योग को मजबूत करने में पोल्ट्री इंडस्ट्री का अहम योगदान है। आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए कृषि आधारित क्षेत्रों की आय में वृद्धि आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि पशुओं के चारे की लागत कम करने के लिए मक्का और सोयाबीन की कीमतें स्थिर रखना जरूरी है और इस दिशा में प्रयास जारी हैं। गडकरी ने यह भी बताया कि मक्के से इथेनॉल उत्पादन शुरू होने के बाद मक्के की कीमतें 1200 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 2600 रुपये हो गईं हैं, जिससे किसानों को लाभ हुआ है, हालांकि इससे पोल्ट्री उद्योग की फीड लागत बढ़ी है। इस वर्ष मक्का उत्पादन में तीन गुना वृद्धि होने से कीमतें स्थिर होंगी और उद्योग को राहत मिलेगी।
गडकरी ने कहा कि भविष्य ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था का है और ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और कुक्कुटपालन को बल देकर ही भारत को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा सकता है। उन्होंने पोल्ट्री क्षेत्र में पशुचिकित्सकों के सराहनीय कार्यों की प्रशंसा की और सरकार द्वारा हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। साथ ही VIP द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की भी प्रशंसा करते हुए संगठन के भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
संगोष्ठी की स्मारिका के अनावरण के पश्चात, डॉ. विशाल रावत ने अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। डॉ. संतोष इरे ने 2014 में 50 पशुचिकित्सकों के एक व्हाट्सएप ग्रुप से शुरू हुए VIP के प्रेरणादायी सफर को साझा किया, जो आज 1,500 से अधिक सदस्यों वाला एक राष्ट्रीय मंच बन चुका है। डॉ. अजय देशपांडे ने पोल्ट्री क्षेत्र की गंभीर चुनौतियों और उनमें VIP की महत्वपूर्ण भूमिका पर एक विश्लेषणात्मक प्रस्तुति दी।
विशिष्ट अतिथि बलराम सिंह यादव ने कहा कि पोल्ट्री उद्योग को सामूहिक और समन्वित रूप से कार्य करने की आवश्यकता है, जिसमें उत्पादक, फीड सप्लायर, प्रोसेसिंग यूनिट्स और पशुचिकित्सकों को मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने वैश्विक बाजार के ट्रेंड, मांग वाले उत्पादों, प्रतिस्पर्धा और निर्यात के अवसरों को खोजने और उनका पीछा करने की आवश्यकता पर बल दिया।
DAHD की सचिव श्रीमती अलका उपाध्याय ने सरकार के समावेशी और सहयोगी दृष्टिकोण की जानकारी दी और क्षेत्रीय जरूरतों को पूरा करने के लिए विभाग की प्रतिबद्धता दोहराई। मंत्री महिपाल ढांडा ने पोल्ट्री संगठनों को एक मंच पर एकत्रित करने और निर्यात के महत्व पर जोर दिया।
संगोष्ठी में उद्योग के विशेषज्ञों ने विविध विषयों पर सत्र प्रस्तुत
डॉ. जी.एल. जैन ने बताया कि अनुवांशिक विज्ञान का उपयोग कर पोल्ट्री क्षेत्र में उत्पादकता, रोग प्रतिरोधक क्षमता और गुणवत्ता में कैसे सुधार लाया जा सकता है।
डॉ. के. जयरामन ने पोल्ट्री उद्योग के रोगजन्य चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कहा कि वायरस में निरंतर परिवर्तन और दवा प्रतिरोधिता नई चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय किसानों को रोग निदान, टीकाकरण और बायोसिक्योरिटी पर प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है।
उद्योग के अग्रणी उद्यमी सुरेश रायडू चित्तुरी ने स्वास्थ्य तकनीकों का उपयोग कर पोल्ट्री में क्रांति लाने के तरीकों पर मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि भविष्य की पोल्ट्री ज्ञान, डेटा और तकनीक आधारित होगी।
डॉ. एस.के. दत्ता ने कहा कि "विजन 2047" के अंतर्गत पोल्ट्री क्षेत्र को नवाचारशील, रोगमुक्त, पर्यावरण-अनुकूल और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना आवश्यक है जिससे ग्रामीण रोजगार और अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।प्रा. डॉ. एन.के. महाजन ने जलवायु परिवर्तन से पोल्ट्री पर होने वाले प्रभावों की चर्चा की और ‘हरित कुक्कुटपालन’ को समय की आवश्यकता बताया। उन्होंने स्मार्ट फार्मिंग और स्थानीय संसाधनों के उपयोग पर बल दिया।
इंडियन पोल्ट्री साइंस एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रा. (डॉ.) पी.के. शुक्ला द्वारा आयोजित उच्च-प्रभाव पैनल चर्चा में नवाचार, एकता और लचीलापन के अवसरों की पहचान की गई। पैनल में श्री के.जी. आनंद, डॉ. कामना बरकाटाकी, श्री वलसन परमेश्वरन, डॉ. अजय देशपांडे, श्री नासिर हुसैन और डॉ. एस.के. दत्ता शामिल थे।VIP के अध्यक्ष डॉ. अजय देशपांडे ने कहा कि यह संगोष्ठी केवल एक कार्यक्रम नहीं थी, बल्कि एक अधिक नवाचारी और सशक्त भारतीय पोल्ट्री क्षेत्र बनाने की साझा प्रतिबद्धता थी। उन्होंने सभी प्रतिभागियों और भागीदारों के योगदान के लिए आभार प्रकट किया।
व्हेट्स इन पोल्ट्री (VIP) के बारे में:
व्हेट्स इन पोल्ट्री (VIP) 1,500 से अधिक पशुचिकित्सकों की एक राष्ट्रीय संस्था है, जो ब्रॉयलर और लेयर फार्मिंग, ब्रीडिंग, पशु स्वास्थ्य, अनुसंधान, शिक्षा और फार्मास्युटिकल सहित पोल्ट्री वैल्यू चेन के सभी पहलुओं में सक्रिय है। यह संगठन भारत में पोल्ट्री विज्ञान और उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए ज्ञान, सहयोग और समाधान को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
2 Comments
Awesome 👍
ReplyDeleteThankyou
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