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ग्रामीण भारत की आय बढ़ाने के लिए पोल्ट्री और इथेनॉल नीति में संतुलन आवश्यक: नितिन गडकरी

वेट्स इन पोल्ट्री" (VIP) के कार्यक्रम में केंद्रीय 
मंत्री नितिन गडकरी की उपस्थिति 
नई दिल्ली: ललित लांजेवार:-
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने "वेट्स इन पोल्ट्री" (VIP) के चंडीगढ़ में हुए दूसरे राष्ट्रीय परिसवाद में ऑनलाइन माध्यम से भाग लेते हुए ग्रामीण भारत की आय वृद्धि और पोल्ट्री उद्योग के विकास पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए ग्रामीण और कृषि प्रधान क्षेत्रों की आय बढ़ाना आवश्यक है।

देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में कृषि और संबंधित क्षेत्रों की हिस्सेदारी मात्र 12-14% है, जबकि सेवा क्षेत्र की 54-56% और विनिर्माण क्षेत्र की 22-24% है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में पोल्ट्री और डेयरी उद्योगों के माध्यम से रोजगार सृजन और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।पोल्ट्री उद्योग में पशु आहार की लागत को कम करने के लिए मक्का और सोयाबीन की कीमतों को स्थिर रखने के प्रयासों की आवश्यकता है। गडकरी ने वैक्सीन विकास, उच्च उत्पादक नस्लों और पशु आहार में सुधार के लिए अनुसंधान और नवाचार की आवश्यकता पर भी बल दिया।

उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर सड़क संपर्क और लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने के प्रयासों का उल्लेख किया, जिससे पोल्ट्री उद्योग को लाभ होगा। गडकरी ने आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पोल्ट्री और डेयरी फार्मिंग जैसे क्षेत्रों में नवाचार और निवेश से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

इथेनॉल उत्पादन के संदर्भ में, गडकरी ने बताया कि मक्के से इथेनॉल उत्पादन शुरू होने के बाद मक्के की कीमत में वृद्धि हुई है, जिससे किसानों को लाभ हुआ है, लेकिन पोल्ट्री उद्योग के लिए चुनौतियां उत्पन्न हुई हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष मक्का की फसल तीन गुना बढ़ी है, जिससे मक्का की कीमतों में स्थिरता आने और पोल्ट्री उद्योग को राहत मिलने की उम्मीद है।

गडकरी ने किसानों की आय बढ़ाने और देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए कृषि क्षेत्र को ऊर्जा और बिजली क्षेत्र की ओर स्थानांतरित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इथेनॉल उत्पादन से देश की ईंधन आयात पर निर्भरता कम होगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।उन्होंने यह भी कहा कि पोल्ट्री पशुचिकित्सक देश के पोल्ट्री क्षेत्र में अच्छा काम कर रहे हैं और हर संभव सहायता प्रदान करेंगे।

आगे नितिन गडकरी ने कहा, "माननीय मोदी जी के नेतृत्व में हम सभी ने संकल्प लिया है कि हम भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था तक ले जाएंगे, जिससे यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। इसके लिए भारत को आत्मनिर्भर बनाना आवश्यक है।"

उन्होंने ग्रामीण और कृषि प्रधान भारत की आय बढ़ाने के महत्व पर प्रकाश डाला, जिससे प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होगी। गडकरी ने दूध और पोल्ट्री उद्योगों के महत्व पर भी प्रकाश डाला, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देते हैं।गडकरी ने प्रौद्योगिकी, नवाचार, विज्ञान, अनुसंधान, कौशल और उद्यमिता पर जोर दिया, जो ज्ञान को धन में बदल सकते हैं। उन्होंने कहा, "भविष्य ज्ञान को धन में बदलने का है।"

 गडकरी के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और संबंधित उद्योगों के विकास से भारत की जीडीपी बढ़ेगी। उन्होंने प्रौद्योगिकी की निरन्तर बदलती प्रकृति पर ध्यान केंद्रित किया तथा नई चीजों को अपनाने के महत्व पर प्रकाश डाला।

इस परिप्रेक्ष्य में, गडकरी ने ग्रामीण भारत के आर्थिक विकास के लिए नीतिगत उपायों की आवश्यकता जताई, जो देश की समग्र आर्थिक प्रगति में योगदान देंगे।गडकरी ने जैव ईंधन और वैकल्पिक ईंधन के क्षेत्र में हाल के प्रयासों पर प्रकाश डाला। 

पाहिले मक्के की कीमत जो 1200 रुपये प्रति क्विंटल थी, वह 2600 रुपये हो गई, जिससे किसानों को फायदा हुआ।" हालाँकि, इन मूल्य वृद्धि से पोल्ट्री उद्योग के लिए दाणे की लागत बढ़ गई, जिससे उन्हें समस्याएँ उत्पन्न हो गईं।

 इस वर्ष मक्का की फसल तीन गुना बढ़ी है, जिससे मक्का की कीमतों में स्थिरता आने तथा पोल्ट्री उद्योग को राहत मिलने की उम्मीद है। गडकरी ने यह भी कहा कि इथेनॉल उत्पादन के लिए मक्का के उपयोग से किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद मिल रही है, लेकिन इससे पोल्ट्री और स्टार्च उद्योगों के लिए आपूर्ति की समस्या उत्पन्न हो रही है।

मंत्री गडकरी ने किसानों की आय बढ़ाने और देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए कृषि क्षेत्र को ऊर्जा और बिजली क्षेत्र की ओर स्थानांतरित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि इथेनॉल उत्पादन से देश की ईंधन आयात पर निर्भरता कम होगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।इस प्रकार, गडकरी ने ग्रामीण भारत की आय बढ़ाने के लिए पोल्ट्री उद्योग और इथेनॉल नीति में संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे देश की समग्र आर्थिक प्रगति सुनिश्चित हो सके।
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