पोल्ट्री की खबर :
गुरुवार को जारी क्रिसिल रेटिंग्स के अनुसार, भारतीय पोल्ट्री उद्योग की ऑपरेटिंग प्रॉफिटेबिलिटी अगले वित्तीय वर्ष में 50 बेसिस पॉइंट्स (~0.50%) घट सकती है। इसका मुख्य कारण feed cost (खाद्य लागत) में वृद्धि बताया जा रहा है, हालांकि मजबूत डिमांड की वजह से 8-10% revenue growth (राजस्व वृद्धि) होने की संभावना है।
क्रेडिट प्रोफाइल रहेगा स्टेबल
हालांकि profitability (लाभप्रदता) पर दबाव रहेगा, लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक, पोल्ट्री कंपनियों का credit profile स्थिर (stable) रहेगा। इसकी वजह होगी।
✅ मॉडरेट कैपेक्स (Modest Capital Expenditure)
✅ कम कर्ज (No significant debt addition)
✅ Stable cash flow (स्थिर नकदी प्रवाह)
Feed Cost बढ़ने से घटेगी Profitability
पिछले दो वर्षों में feed prices (फीड कीमतें) कम रहने से पोल्ट्री उद्योग को फायदा हुआ, लेकिन आने वाले साल में मक्का और सोया की कीमतों में वृद्धि होने से प्रॉफिट मार्जिन पर असर पड़ सकता है।
क्रिसिल रेटिंग्स की डायरेक्टर जयश्री नंदकुमार के अनुसार
"सोयाबीन (जो कुल feed cost का ~30% होता है) की कीमतें पिछले वर्षों में bumper crop (बंपर फसल) के कारण कम थीं। लेकिन, इस बार सोयाबीन की खेती में गिरावट आने से इसकी कीमतें बढ़ सकती हैं।"
Maize (मक्का) की कीमतें भी बढ़ेंगी, क्योंकि ethanol production (इथेनॉल उत्पादन) की बढ़ती मांग से इसकी सप्लाई प्रभावित होगी।
बढ़ती डिमांड से Revenue Growth बरकरार
भले ही profitability (लाभप्रदता) घटे, लेकिन ब्रॉयलर चिकन और अंडों की मांग लगातार बढ़ रही है, जिससे 8-10% revenue growth बनी रहेगी।
📌 भारत में प्रति व्यक्ति पोल्ट्री consumption (उपभोग) अभी भी global average (वैश्विक औसत) से कम है।
📌 डाइट पैटर्न में बदलाव, बढ़ती आय और तेजी से बढ़ता शहरीकरण (urbanization) इस सेक्टर के विस्तार को सपोर्ट करेगा।
Chicken और Egg की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना
क्रिसिल रेटिंग्स के एसोसिएट डायरेक्टर ऋषि हरी ने कहा
"अगले वित्तीय वर्ष में, पोल्ट्री इंडस्ट्री की overall realization (कुल मूल्य प्राप्ति) 4-5% बढ़ने की उम्मीद है।"
✅ Broiler chicken price (ब्रॉयलर चिकन की कीमत) → 3-5% बढ़ेगी
✅ Egg price per dozen (अंडों की प्रति दर्जन कीमत) → 2-4% बढ़ेगी
Future Challenges: Bird Flu और Feed Cost Volatility
भले ही इंडस्ट्री का outlook stable है, लेकिन खाद्य कीमतों में अस्थिरता (volatility), पोल्ट्री प्रोडक्ट्स के दामों में उतार-चढ़ाव और बर्ड फ्लू (Bird Flu) जैसे जोखिम बने रहेंगे।
Industry Experts का क्या कहना है?
पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के संयुक्त सचिव रिकी थापर ने कहा"पोल्ट्री सेक्टर के sustainable growth (टिकाऊ विकास) के लिए cold storage infrastructure (शीत भंडारण अवसंरचना) और high-efficiency processing plants (उच्च दक्षता वाली प्रोसेसिंग सुविधाएं) में निवेश की जरूरत है।"उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत को GM Maize (जेनेटिकली मॉडिफाइड मक्का) के आयात और घरेलू उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए, ताकि पोल्ट्री, स्टार्च और बायोफ्यूल इंडस्ट्री (biofuel industry) की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके।सोर्स-मिंट
➡ निष्कर्ष: पोल्ट्री इंडस्ट्री को feed cost volatility, price fluctuation और disease outbreaks से सावधान रहना होगा, लेकिन मजबूत मांग और स्थिर फाइनेंशियल प्रोफाइल इसे ग्रोथ के रास्ते पर बनाए रखेंगे। 🚀
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