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DDGS की गुणवत्ता पर सख्त निगरानी जरूरी

पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया, US ग्रेन काउंसिल &
UP डिस्टिलर एसोसिएशन की संयुक्त बैठक

नई दिल्ली: 7 जनवरी, 2025 को पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया (PFI), US ग्रेन काउंसिल और यूपी डिस्टिलर एसोसिएशन (DDGS निर्माताओं) की दिल्ली में एक महत्वपूर्ण संयुक्त बैठक हुई। इस बैठक में पोल्ट्री फीड में डिस्टिलर्स ड्राइड ग्रेन्स सॉल्यूबल्स (DDGS) के उपयोग और इसकी गुणवत्ता को लेकर चर्चा की गई।

बैठक के दौरान PFI के अध्यक्ष रणपाल धांडा ने DDGS निर्माताओं को पोल्ट्री फीड की आवश्यकताओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यदि पोल्ट्री फीड में DDGS का उपयोग किया जाना है, तो उसकी गुणवत्ता पर सख्त नियंत्रण आवश्यक होगा। उन्होंने विशेष रूप से अफ्लाटॉक्सिन का स्तर 20 पीपीबी से कम और नमी 12% से कम रखने पर जोर दिया।

DDGS निर्माताओं का सकारात्मक रुख
यूपी डिस्टिलर एसोसिएशन के महासचिव रजनीश अग्रवाल ने PFI टीम को अपने सदस्यों के एथेनॉल निर्माण संयंत्र का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया और PFI द्वारा सुझाए गए गुणवत्ता मानकों की सराहना की। उन्होंने कहा कि पोल्ट्री उद्योग की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए गुणवत्ता में सुधार की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।
मकई उत्पादन और भविष्य की मांग पर चर्चा

US ग्रेन काउंसिल के प्रतिनिधि अमित सचदेव ने बैठक में मकई (मक्का) उत्पादन की वर्तमान स्थिति और पोल्ट्री, डेयरी, स्टार्च और एथेनॉल निर्माताओं की भविष्य की मांग के बारे में जानकारी दी।

PFI का आश्वासन: DDGS के लिए संभावनाएं प्रबल
रणपाल धांडा ने कहा कि यदि DDGS निर्माताओं द्वारा लगातार उच्च गुणवत्ता वाला उत्पाद उपलब्ध कराया जाता है, तो पोल्ट्री फीड में DDGS के उपयोग की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि PFI पोल्ट्री उद्योग के लिए पोषण संबंधी मानकों पर विशेष ध्यान दे रही है और भविष्य में इस क्षेत्र में और सुधार की संभावना है।

यह बैठक पोल्ट्री, डेयरी और एथेनॉल उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है, क्योंकि इससे पोल्ट्री फीड में वैकल्पिक पोषण स्रोत के रूप में DDGS के उपयोग की संभावनाओं को बल मिला है।
रिपोर्ट: ललित लांजेवार
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